लापरवाही:मार्च माह के लक्ष्य का 51 फीसदी कचरा निस्तारण हुआ,निजी एजेंसियों की कार्यशैली पर सवाल
38 ट्रोमेल मशीनों से रोजाना लगभग आठ हजार मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण किया जा रहा
Gurugram News Network-बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर कचरे निस्तारण का काम काफी धीमा चल रहा है।लगातार अधिकारियों के दौरे और चेतावनी देने के बाद भी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हो रहा।निगम और निजी एजेंसियों की लापरवाही का खुलासा मार्च माह की रिपोर्ट में हुआ है।रिपोर्ट के अनुसार मार्च के लिए निर्धारित लक्ष्य का केवल 51 फीसदी ही कचरा निस्तारण हुआ। नगर निगम के अनुसार एजेंसियां प्रतिदिन आठ हजार मीट्रिक टन कचरे का प्रसंस्करण करती हैं, उन्होंने मार्च माह में 4.6 लाख मीट्रिक टन में से 2.3 लाख मीट्रिक टन का उपचार किया।
बंधवाडी लैंडफिल साइट से पूरे कचरे का निस्तारण करने के लिए निर्धारित की गई समय सीमा पर भी काम पूरा नहीं हो पाएगा। एनजीटी की फटकार के बाद भी निगम ने अपने कार्य में कोई सुधार नहीं किया है। साइट पर निजी एजेंसियां अपने मनमाने ढंग से कचरे का निस्तारण कर रही है। निगम अधिकारियों द्वारा एनजीटी में दिए गए शपथ पत्र का दावा फेल होता नजर आ रहा है।
बता दे कि बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर 38 ट्रोमेल मशीनों के साथ रोजाना करीब आठ हजार मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण किया जा रहा है। जबकि निगम ने एनजीटी में दावा किया था वह रोजाना 16 हजार मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण कर रहे हैं। बंधवाड़ी में निगम की निजी एजेंसियां तय लक्ष्य के अनुसार कचरे का निस्तारण नहीं कर पा रही है। यहीं कारण है कि नगर निगम के अधिकारियों को हर बार एनजीटी में फटकार सुननी पड़ती है।
जनवरी 2023 में निगम अधिकारियों ने दावा किया था कि वह अप्रैल 2024 तक बंधवाड़ी में लगे कूड़े के पहाड़ों को निस्तारित कर देंगे, लेकिन अब अप्रैल 2024 भी आ गया है। एक साल के बाद भी निगम अधिकारी अपने लक्ष्य के अनुसार ना तो कूड़े का निस्तारण कर पाए हैं और ना ही बंधवाड़ी में बने कूड़े के पहाड़ों को समाप्त किया गया है। हालांकि निगम अधिकारियों का दावा है कि उन्होनें एक साल में करीब 16 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा का कूड़ा निस्तारित कर दिया है। बीते साल जहां 30 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बंधवाड़ी में मौजूद था, वह अब 16.5 लाख मीट्रिक टन कूड़ा ही बंधवाड़ी में पड़ा है।
सख्ती बरती जाएगी
संयुक्त आयुक्त डॉ.नरेश कुमार ने कहा कि लक्ष्य के अनुसार कार्य नहीं करने वाली एजेंसियों पर जुर्माना लगाया जाएगा। कार्य में सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं।रोजाना काम की मॉनिटरिंग भी होगी।